रांची/मार्च 24: आपसी रंजिश को लेकर जहाँ बिहार महागठबंधन में धरना प्रदर्शन आरम्भ हो चुका है वहीं झारखण्ड में भी इसे लेकर कोई अच्छी खबर नहीं है । अपने अड़ियल रवैये को लेकर RJD तथा वाम मोर्चे को गठबंधन से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

महागठबंधन में शामिल अन्य पार्टियां जैसे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM), Congress, तथा झारखण्ड विकास मोर्चा (JVM) अपनी हैसियत से ज़्यादा सीटें मांगने पर RJD तथा वाम मोर्चे से नाराज़ हैं और झारखण्ड में इनके अस्तित्व से ही इंकार कर रहीं हैं। हालाँकि, इस मुद्दे पर RJD की वरिष्ठ नेता श्रीमती अन्नपूर्णा देवी की रहस्यमयी चुप्पी भी आश्चर्यजनक है।
जहाँ NDA ने काफी पहले से लोक सभा चुनावों की तैयारियाँ शुरू कर दीं हैं वहीं महागठबंधन में ऐसे समय में जब चुनावी बिगुल फूंका जा चुका हो, यह संकेत शुभ नहीं है ।
कोई कुछ भी कहे लेकिन, बिहार से सटे जिलों (जैसे देवघर, चतरा, कोडरमा, गढ़वा, आदि) में लालू प्रसाद यादव के व्यक्तिगत प्रभाव को झुठलाया नहीं जा सकता है।
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